बुधवार, 9 जनवरी 2013

जमैका: जहां उसैन बोल्ट जैसे धावक पैदा होते हैं



चंदा बारगल/ धूप-छांव/ कुछ साल पहले तक जब यह सवाल पूछा जाता था कि सबसे तेज दौड़ने वाला धावक किस देश में है तो उसका सही जवाब नहीं मिल पाता था, परंतु सतत् दो ओलिम्पिक में उसैन बोल्ट और शैली आन फ्रेजर की गति का अहसास हो जाने के बाद सबके लिए जानना आसान हो गया है कि दुनिया के सबसे तेज दौड़ने वाले स्त्री—पुरुष जमैका में ही पैदा होते हैं। 

दुनिया के नक्शे पर जमैका को खोजना आसान काम नहीं। वेस्ट इंडीज कहे जाने केरेबेयिन द्वीप समूह में जमैका एक छोटा सा देश है। आबादी की दृष्टि से दुनिया में 137 वें नंबर पर आने वाले इस देश में केवल 29 लाख लोग ही रहते हैं। 


अधिकांश भाग के अफ्रीकी मूल के हैं। क्रिकेट यहां का पसंदीदा खेल है और जिमी एडम्स, कर्टनी वॉल्श, माइकल होल्डिंग और क्रिस गेल जैसे बेहतरीन क्रिकेटर भी यहीं से निकले हैं। 

2008 में बीजिंग ओलिम्पिक में शानदार प्रदर्शन करने के बाद जमैका की एक नई पहचान बनी है। क्रिकेट के देवताओं के रुप में पहचाने जाने वाले इस देश में उसैन बोल्ट के नाम से जाना जाने लगा है। 1962 में अंग्रेजी हुकूमत से आजाद हुए जमैका ने 1948 के ओलिम्पिक में पहली बार भाग लिया था। जमैका की तरफ से पहला स्वर्णपदक पुरुषों की 4 सौ मीटर दौड़ में आर्थर विट ने जीता था। हर्ब मेकेनल और आर्थर विट ने जो सिलसिला शुरू किया था, वह आज भी जारी है। 

6 अगस्त 2012 को जमैका ने आजादी के 50 साल पूर्ण किए। आजादी का जश्न उसैन बोल्ट ने ओलिम्पिक में पुरुषों की सौ मीटर दौड़ जीतकर मनाया। जमैकन महिलाओं का ग्रुप भी देश की झोली में पदक डालता रहा है। जमैका अब तक 62 ओलिम्पिक पदक जीत चुका है, इनमें 16 स्वर्ण, 27 रजत और 19 कांस्य हैं। 62 पदकों में से 32 पदक महिला एथलीटों ने जीते हैं। इनमें 4 स्वर्ण और 13 रजत पदक हैं। जमैका अब तक जीते कुल पदकों में केवल एक साइकिलिंग के लिए है, जबकि बाकी सभी एथलीटों ने जीते हैं। 

जमैका की 53 फीसदी आबादी 30 वर्ष से नीचे की है। राष्ट्रीय स्पोर्टस् नीति के तहत रूकूल में अध्ययन के साथ—साथ खेलों को प्रोत्साहित करने का उद्देश्य है, जिनमें बच्चों के अभ्यास के लिए पर्याप्त वक्त देने के साथ ही शारीरिक शिक्षा अनिवार्य कर दिया गया है। 

सरकार, देश की शारीरिक शिक्षा और खेल संस्थाओं को पर्याप्त आर्थिक सहायता करती हैं, जिनसे खिलाड़ियों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधा देश में ही उपलब्ध होती है। इसके अलावा खेलों के संपूर्ण विकास के लिए खिलाड़ियों को आहार, मेडिकल इंश्योरेंस, आवास और यात्रा जैसी जरूरतों की गुंजाइश रखी जाती है। युनेस्को ने 1978 में खेल और शारीरिक शिक्षा को लोगों का मूलभूत अधिकार बताया था। जमैका देश के अंतिम व्यक्ति को यह अधिकार प्राप्त हो जाता है और इसकी कोशिश कर रहा है। दुनिया के एथलेटिक्स क्षेत्र में जमैका को मिल रही शानदार सफलता का राज शायद इन्हीं कोशिशों में है, जो दुनिया भर के लिए एक उदाहरण मात्र है।
1968 से लेकर 2012 तक जमैका ओलिम्पिक में कभी भी खाली हाथ नहीं लौटा। बीजिंग ओलिम्पिक में जमैका ने सबसे अधिक 11 पदक हासिल किए थे। अकेले बोल्ट ने ही 3 स्वर्णपदक हासिल किए थे। 

एथलेटिक्स जमैका की खून में है। अधिकांश स्कूलों के पाठ्यक्रम में यह सिखाया जाता है। प्राथमिक शिक्षा में प्रतिभा दिखाने वाले ​स्टुडेंट्स को देश की सर्वोत्तम खेल संस्थाओं में दाखिल किया जाता है। देश की प्रमुख एथलीट स्पर्धा को 'चेम्प' कहा जाता है, जो 1910 से राजधानी किंग्स्टन आयोजित होती है। इसमें देश के 25 हजार  खिलाड़ियों के बीच स्पर्धा होती है। यह चेम्प अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा की पूर्व तैयारी है। चेम्प में विश्वस्तरीय कही जा सके, ऐसी स्पर्धाएं होती हैं। जमैका में अंडर—19 स्पर्धा होती है और उसका समापन इस चेम्प में होता है। इस स्पर्धा में सफल रहने वाले एथलीट को पेन रिले स्पर्धा में भाग लेने का मौका मिलता है, जिनमें जमैका की सर्वश्रेष्ठ स्कूलों और युनिवर्सिटी का मुकाबला अमेरिका की सर्वश्रेष्ठ स्कूलों और युनिवर्सिटी के साथ होता है। इनमें से ही जमैका की बेहतरीन एथलीट टीम बनती है। 

जमैका की जीडीपी में खेल का हिस्सा 2 प्रतिशत है। रोजगार में भी खेल 2 फीसदी का योगदान होता है। जमैका की स्पोर्ट्स नीति का सूत्र है, 'स्पोर्टस फॉर आल' इस नीति का मुख्य उद्देश्य जमैका के प्रत्येक नागरिक को स्पोर्टस् सुलभ बनाना और स्पोर्टस् में अधिकतम लोगों को भागीदार बनाना है।

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