सोमवार, 21 मई 2012

कैसे-कैसे नेता, कैसी-कैसी बीवियां

भारत के अलावा दुनियाभर के तमाम देशों में खासतौर पर अमेरिका में राजनेताओं के साथ-साथ उनकी पत्नियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है..अमेरिका में राष्ट्रपति जहां भी जाते हैं..उनकी पत्नी साथ में जाती है..अमेरिका के सामाजिक जीवन में राष्ट्रपति की पत्नी स्कूलों में जाती है.बच्चों से मिलती है..विदेश यात्रा पर भी साथ जाती हैं..गरीब इलाकों में भी जाने की राजनीतिक परंपरा है.. अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ज बुश (सिनियर) की पत्नी बार्बरा बुश, बुश (जूनियर), की पत्नी लोरा बुश, रेनाल्ड रेगन की पत्नी नेंसी रेगन, प्रेसिडेंट जॉन एफ केनेडी की पत्नी जेक्वलीन केनेडी, बिल क्लिंटन की पत्नी हिलेरी क्लिंटन की पत्नी हिलेरी क्लिंटन और बराक ओबामा की पत्नी मिशेल की सार्वजनिक जीवन में पति से अलग भूमिका रही है।
अमेरिका के मुकाबले ब्रिटिशर रूढ़िवादी होने के बावजूद अपनी पत्नी टोनी ब्लेयर को साथ रखते थे। चर्चिल पत् नी के बजाय एक हाथ में सिगार और दूसरे हाथ में व्हिस्की का ग्लास रखते थे। फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति सार्कोजी तो बहुत रोमेंटिक निकले। उन्होंने एक सुपर मॉडल के साथ ब्याह कर लिया। इटली के एक नेता सेक्स लफड़े में फंस गए थे। ब्रिटेन के एक पूर्व प्रधानमंत्री क्लेटोमेनिया से पीड़ित थे। क्लेटोमेनिया अर्थात जरूरत न होने पर भी कहीं से कुछ चुरा लेने की विकृति। ये प्रधानमंत्री जिस किसी स्टोर्स में जाते, वहां से झट कोई भी वस्तु उठाकर सीधे अपनी जेब में डाल लेते। वे ऐसा न करें, इस बात का खयाल उनकी पत्नी रखती थीं।

तानाशाहों की पत्नियां


जर्मनी के डायरेक्टर एडाल्फ हिटलर की कहानी बहुत ही रोचक है। हिटलर ईवा ब्राउन नामक महिला के प्रेम में थे। बरसों तक ईवा उनकी हमबिस्तर रही। जर्मनी के पतन के दूसरे दिन जब हिटलर को दुश्मनों के हाथों मारे जाने का पूवाभ्यास हुआ था तो उसने ईवा ब्राऊन को कानूनी तौर पर पत्नी का दर्जा देने के लिए अपनी मौत के कुछ घंटों पहले ही शादी की थी। यह बात उसने रात्रि में एक रजिस्टर बुलाकर उसमें शादी रजिस्टर की थी। उसी रात उसने सबसे पहले अपने कुत्ते को गोली से उड़ा दिया, उसके बाद ईवा ब्राऊन औद बाद में खुद को गोली से मारकर अपनी ईहलीला खत्म कर ली। क्यूबा के तानाशाह फिडेल कास्त्रो जनता में बहुत लोकप्रिय थे, मगर उनके अने महिलाओं से संबंध थे। लिबिया का कर्नल गद्दाफी तो बहुत ऐय्याश किस्म का था। उसने अपनी सुरक्षा के नाम करीब 42 कुंवारी लड़कियां रखी थी। चीन के माओ त्से तुंग हमेशा अपनी पत् नी को साथ रखते थे पर उनकी पत्नी की रूचि प्रॉपर्टी में अधिक थी। उन्होंने अकूत दौलत और संपत्ति बनाई थी।

नुसरत जुल्फिकार भुट्टो


एशियाई देशों की बात करें तो पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार भुट्टो की पत्नी नुसरत भुट्टो बहुत सुंदर थी। वे फ्रेंच ब्यूटी रखती थी। पाकिस्तान की राजनीति में वे पर्दे के पीछे रहकर नजर रखती थी। उनकी बेटी बेनजीर भुट्टो प्रधानमंत्री बनी तब उनके पति आसिफ अली जरदारी भी परदे के पीछे से खेल करते थे। उनका मन आर्थिक घोटालों में अधिक लगता था। आज वे ही पाकिस्तान के राष्ट्रपति हैं।

इसके अलावा पाकिस्तान के पूर्व शासकों में अय्यूब खान, जिया उल हक सरीखे तानाशाह बहुत ही कम अपनी पत्नियों को साथ रखते थे। पाकिस्तान के प्राइम मिनिस्टर इन वेटिंग इमरान खान ने ब्रिटिश युवती जेमिया स्मिथ के साथ शादी की थी। उससे तलाक हो जाने के बाद अब वे अकेले ही सभाओं को संबोधित कर रहे हैं। पाकिस्तान के वर्तमान राष्ट्रपति गिलानी की पत्नी भी सार्वजनिक तौर पर कम ही देखी जाती है।

भारतीय नेता


पत्नियों को साथ रखने के मामले में भारतीय नेता भी रूढ़िवादी माने जाते हैं। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू भी अपनी पत्नी कमला नेहरू को कम ही साथ रखते थे। नेहरू इंग्लेंड के हेरो स्कूल में पढ़े-लिखे होने के कारण पत्नी को साथ नहीं रखते थे। भारत के दूसरे प्रधानमंत्रियों की बात करें तो लाल बहादुर शास्त्री, वीपी सिंह, नरसिंहराव, मोरारजी देसाई, एचडी देवगोड़ा जैसे नेता शायद ही अपनी पत्नी को साथ ले जाते।

इंदिरा गांधी के पति फिरोज गांधी बहुत सुंदर थे परंतु शादी के कुछ साल बाद ही इंदिरा गांधी अपने पिता जवाहरलाल नेहरू की छत्रछाया में सार्वजनिक जीवन के लिए खुद को तैयार करने चलीं गईं थी। नेहरू-गांधी परिवार में सबसे बड़ा क्रांतिकारी परिवर्तन राजीव गांधी लाए। प्रधानमंत्री बनने के बाद राजीव गांधी सोनिया को कार्यक्रमों में साथ ले जाते। सोनिया तब मौन रहती थी पर मंच पर ज्यादातर मौजूद रहती थी। विदेश दौरे पर भी राजीव सोनिया गांधी को साथ ले जाते थे।

मौजूदा प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहनसिंह एक सहज, सरल व्यक्ति हैं। उनकी पत्नी कुछ खास मौकों पर साथ में दिखाई पड़ती हैं पर विदेश यात्र में जरूर साथ रहती हैं। हालांकि, उनकी भूमिका अमेरिकी राष्ट्रपतियों की पत्नियों जैसी नहीं है।

अटल बिहारी वाजपेयी कुंआरे होने के कारण पत्नी को साथ रखने का कोई सवाल नहीं था। लालकृष्ण आडवाणी अनेक सभाओं में अपनी पत्नी और पुत्री को साथ रखते हैं। इस मामले में लालूप्रसाद यादव का कोई जवाब नहीं। राबड़ी को भले ही हस्ताक्षर करना पसंद न हो पर उन्होंने राबडी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर जरूर बैठा दिया।

1 टिप्पणी:

  1. It is informative and tells the political system in the various countries. The interesting fact is though Americans keep their wives together for public appearances, women there have not reached higher posts whereas Indians are considered conservative but all the higher posts whether political or in business have been held by women. Looks can be deceptive.

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