शुक्रवार, 29 जून 2012

आदिवासी आश्रमों से निकलते हैं गुंडे!

आदिवासी आश्रम शालाओं में पढ़ने वाले सभी गुंडे होते हैं. उनमें से कितने आयपीएस, आयएएस अधिकारी निकले हैं? यह सीधा-सपाट महाराष्ट्र के जलआपूर्ति एवं स्वच्छता मंत्री लक्ष्मणराव ढोबले ने केबिनेट की बैठक में कर खलबली मचा दी है। ढोबले का यह बयान चिंताजनक है. राज्य के एक जिम्मेदार मंत्री का यह बयान राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होने से अधिक वह सामाजिक दृष्टि से भी गंभीर है. यदि यह बयान किसी विरोधी पार्टी ने किया होता तो उसे राजनीतिक विरोध माना जा सकता था, मगर यहां तो सत्तारूढ़ मंत्रियों ने आदिवासी विकास मंत्री पर टीका कर बबनराव पाचपुते पर सवालिया निशान लगा दिया है. 

उप मुख्यमंत्री अजित पवार, कांग्रेस के  क्रीड़ा मंत्री पद् माकर वलवी, आदिवासी विकास राज्यमंत्री राजेंद्र गावित  ने भी महाराष्ट्र का आदिवासी आश्रम शालाओं पर टीका की है. कांग्रेस-राष्ट्रवादी गठबंधन की सरकार के मंत्रियों ने अपने ही मंत्री को दोषी मानकर उन्हें टार्गेट किया है, जिससे वे भड़क हुए हैं. हकीकत में तो आदिवासी विकास मंत्री बबनराव पाचपुते ही निशाने पर हैं. आदिवासी विकास विभाग पहली बार गैर आदिवासी मंत्री के पास है. 

उस पर भी पाचपुते को घोटालेबाज होने का आरोप राज्य के ही आधा दर्जन मंत्रियों द्वारा लगाए जाने पर पूरा मंत्रिमंडल अवाक रह गया. आदिवासी विभाग में 1485 पदों के निर्माण  और 35 करोड़ रुपए के ब्लेंकेट खरीदी के कारण पाचपुते दिक्कत में आ गए हैं. राज्य के आदिवासी विभाग में भ्रष्टाचार होने की बात आज अचानक कैसे कही जा रही है? अब तक  क्या सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था? आश्रम की स्कूलों का स्तर गिरने के पीछे एकमात्र पाचपुते जिम्मेदार हैं या सालों से कुंडली मारकर बैठी भ्रष्ट व्यवस्था है? 

इस पर कभी कभी किसी ने मंथन नहीं किया. लक्ष्मणराव ढोबले की इस टिप्पणी ने जैसे आदिवासियों पर कुठाराघात ही कर दिया है. यह आरोप करते वक्त उन्होंने आदिवासी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों की भावना का जरा भी ध्यान नहीं रखा. एक जिम्मेदार मंत्री द्वारा सभी आदिवासी छात्रों को गुंडा कहकर उनका अपमान करने की वजह क्या? लक्ष्मणराव ढोबले खुद प्राध्यापक हैं. वे साहित्यिक प्रवृत्ति के भी हैं. उनके मुंह से ऐसी भाषा कतई शोभनीय नहीं है. किसी एक मंत्री के कामकाज से नाराजगी के चलते सभी आदिवासी छात्रों को गुंडा निरुपित करना किस मानसिकता का परिचायक है?

1 टिप्पणी:

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...