पहले के जमाने में जब सिर दुखता था या बुखार आता था तो हम ‘टेबलेट’ लेते थे..हम जो गोली लेते थे वह टेबलेट होती थी..अब जमाना बदल गया है..अब नए जमाने में टेबलेट का मतलब होता है छोटा लेपटॉप..कभी चुनावों में बिजली, पानी, सड़क के मुद्दे हुआ करते थे, आज भी हैं पर राजनीतिक पार्टियां उस ओर ज्यादा ध्यान नहीं देती..अब इन्फारमेशन टेक्नोलोजी का जमाना है..राजनीतिक दल स्कूल-कॉलेज के विद्यार्थियों को रिझाने के लिए मुफ्त में लेपटॉप/टेबलेट देने का लॉलीपॉप देते हैं..देश के सबसे बड़े उत्तरप्रदेश और पंजाब में हुए विधानसभा चुनावों में विद्यार्थियों को मुफ्त में टेबलेट देने की बात कही गई थी..चुनाव का यह वादा अब पंजाब की अकाली दल-भाजपा सरकार के लिए सिरदर्द बन गया है..
ग्यारहवीं-बारहवीं के करीब तीन लाख छात्र-छात्रएं लेपटॉप का इंतजार कर रहे हैं..पंजाब सरकार यदि लेपटॉप देती है तो उस पर करीब 420 करोड़ खर्च आएगा..सरकार का खजाना पहले से ही खाली है..मुख्यमंत्री प्रकाशसिंह बादल को सिरदर्द हो रहा है..आखिर, इतनी बड़ी राशि का इंतजाम कैसे करें? उनकी इस परेशानी का हल उन्हें उत्तरप्रदेश से मिल रहा है..वहां समाजवादी पार्टी ने टेबलेट देने का वादा किया था..लिहाजा, पंजाब सरकार ने अब लेपटॉप के बदले टेबलेट देने का तय किया है..लेपटॉप के बजाय टेबलेट दिए जाते हैं तो सरकार का खर्च आधा हो जाएगा यानी 210 करोड़ रुपए..हालांकि उत्तरप्रदेश में भी अभी तक टेबलेट नहीं दिए गए हैं..ये टेबलेट उत्तरप्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स निगम को मुहैया कराने थे..दो टूक कहें तो सरकारों के लिए लेपटॉप/टेबलेट का मुद्दा सरकार के लिए परेशानी का सबब बन गया है.
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने भी छात्रों को ‘आकाश टेबलेट’ मुफ्त में देने की घोषणा की है पर अभी उस पर क्रियान्वयन होना बाकी है..लेपटॉप/ टेबलेट का लॉलीपॉप देने की बात हमारे यहां भले ही नई हो, उधर थाईलेंड में भी ऐसे लॉलीपॉप दिए जाते हैं..यिंगलक शिनवात्र, ‘एक संतान, एक टेबलेट’ की घोषणा कर पिछली जुलाई में ही सत्तारूढ हुए हैं..इस घोषणा पर अमल करने से उन्हें करीब 4 लाख शालेय छात्रों को टेब देना होगा। इसके लिए उन्होंने एक चीनी कंपनी से करार किया है। उसके मुताबिक, पिछले हफ्ते ही कुछ बच्चों के हाथों में टेबलेट आए हैं.
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