भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितीन गडकरी को पुन: अध्यक्ष बनाए जाने के लेकर मुंबई में पिछले महीने हुई राष्ट्रीय कार्यकरिणी की बैठक में भले ही पार्टी संविधान में संशोधन में हो गया हो पर इस मुद्दे पर भाजपा में गडकरी के खिलाफ माहौल गर्मा गया है। आरएसएस की पसंद गडकरी के विरोध में आडवाणी खेमा एकजुट हो गया है। भाजपा के उच्चस्थ सूत्रों के मुताबिक, आडवाणी ने अपने ब्लॉग पर सुनियोजित तौर पर निशाना साधा है। बता दें कि गडकरी का कार्यकाल दिसंबर के अंतिम सप्ताह में पूरा होना है, जिसमें करीब 7 माह का वक्त अभी बाकी है।
सूत्रों के मुताबिक, पार्टी संविधान में संशोधन के बावजूद गडकरी की अध्यक्ष पद पद पुनर्नियुक्ति आसान नहीं हैऔर मौके की नजाकत भांप कर ही आडवाणी ने गडकरी के नेतृत्व पर सवालिया निशान लगाया है। आडवाणी के साथ ही लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज, उप नेता गोपीनाथ मुडे, गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और वसुंधरा राजे सिंधिया जैसे नेता भी गडकरी के खिलाफ हैं। इस बीच, गोपीनाथ मुंडे ने यह साफ कर दिया है कि पार्टी संविधान में संशोधन हो जाने के बावजूद गडकरी की पुनर्नियुक्ति अभी तक नहीं हुई है। जाहिर है, दिसंबर तक भाजपा में आंतरिक कलह उफान पर रहेगी।
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