लंदन ओलिम्पिक का काउंट डाऊन शुरू हो चुका है। आगामी 27 जुलाई से 12 अगस्त 2012 के दौरान आयोजित ओलिम्पिक महोत्सव को फिलहाल फायनल टच दिया जा रहा है। ओलिम्पिक महाकुंभ निर्विघ्न संपन्न कराने के मकसद से ब्रिटेन का समूचा प्रशासन तंत्र रात-दिन एक कर तैयारियों को अंजाम देने में जुटा है। विभिन्न खेलों में भाग लेने आने वाले खिलाड़ियोँ और खेलों का मजा लूटने आने वाले दर्शकों को कोई दिक्कत न हो, ब्रिटेन तमाम कोशिश कर रहा है। ओलिम्पिक विलेज में विश्व की श्रेष्ठतम सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। सच कहें तो ब्रिटेन की इज्जत दांव पर लगी है और ब्रिटेन खुद को ‘बेस्ट’ साबित करने में कोई कोर-कसर नहीं रखना चाहता। ब्रिटेन सरकार को इस वक्त कोई चिंता है तो दो बातों की। एक तो आतंकवाद और दूसरा सेक्स इण्डस्ट्री। हम जानते हैं कि अमेरिका और ब्रिटेन आतंकवादियों की हिट लिस्ट में सबसे ऊपर हैं।
ओलिम्पिक के दौरान कोई आतंकवादी घटना न घटे, इसके लिए ब्रिटिश इंटेलिजेंस और पुलिस छोटी-छोटी बातों को लेकर बेहद सतर्क हैं। ब्रिटेन में आने वाले तमाम लोगों की स्क्रीनिंग होती है। हरेक गोपनीय हलचल को गंभीरता से लिया जाता है। ‘परिंदा भी पर नहीं मार सकता’ ऐसी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। आतंकवाद के बाद यदि कोई दूसरी बात ब्रिटेन प्रशासन को हैरान किए हुए है तो वह सेक्स बिजनेस।
खेल-महोत्सव के दौरान होने वाले ‘देह व्यापार’ को रोकने कवायद लंबे समय से चल रहा है। पूरी दुनिया से इसमें लिप्त युवतियां किसी न किसी बहाने लंदन पहुंच रही हैं। यूरोप की एस्कार्ट एजेंसी भी सक्रिय हो रही हैं। ओलिम्पिक में शामिल होने वाले खिलाड़ियों को भी ऐसी रूप सुंदरियों से बचाना होता है। खिलाड़ियों के लिए तो बहुत सख्त नियम हैं पर दर्शकों को कैसे रोका जाए?
खेल-महोत्सव के दौरान होने वाले ‘देह व्यापार’ को रोकने कवायद लंबे समय से चल रहा है। पूरी दुनिया से इसमें लिप्त युवतियां किसी न किसी बहाने लंदन पहुंच रही हैं। यूरोप की एस्कार्ट एजेंसी भी सक्रिय हो रही हैं। ओलिम्पिक में शामिल होने वाले खिलाड़ियों को भी ऐसी रूप सुंदरियों से बचाना होता है। खिलाड़ियों के लिए तो बहुत सख्त नियम हैं पर दर्शकों को कैसे रोका जाए?
लंदन की एस्कॉर्ट एजेंसी के संचालक के अनुसार, जो लोग खेलों का आनंद लेने आते हैं, वे केवल खेल का रोमांच ही अनुभव नहीं करते, वे मजा भी करना चाहते हैं। मेच खत्म हो जाने के बाद क्या करना? इस दौरान मद्य और बीयर की खपत में जबरदस्त उछाल आता है। तो फिर हमारा ध्ांधा क्यों पीछे रहे? ऐसे स्पोर्टस इवेंटस तो हमारे लिए कमाई का बढ़िया अवसर होते हैं।
ओलिम्पिक और फुटबॉल विश्वकप-दो ऐसे मौके हैं जब रूप-सुंदरियों की बहार आ जाती है। हालांकि सिक्युरिटी एजेंसीज इन घटनाओं को दूसरे नजरिए से देखती है। उनके मुताबिक, ऐसे अवसरों पर मासूम बालाओं को जबरदस्ती इस धंधे में धकेल दिया जाता है। किसी न किसी बहाने युवतियों को फंसाकर उन्हें देह का सौदा करने को मजबूर किया जाता है। एक अंदाज के मुताबिक, दक्षिण अफ्रीका में आयोजित फीफा वर्ल्ड के वक्त 40 हजार युवतियों को जबरदस्ती देह के धंधे में धकेल दिया गया था। एक बार इस दुनिया में आ जाने के बाद युवतियों की जिंदगी नर्क बन जाती है। मासूम किशोरियों को इस धंधे में आने से रोकने के लिए स्काटलेंड यॉर्ड की ट्राफिकिंग यूनिट को सक्रिय किया गया है। ब्रिटेन के एयरपोर्ट और बंदरगाहों पर विशेष टीम गठित कर हरेक युवती पर कड़ी नजर रखी जा रही है। 18 वर्ष से कम उम्र की किशोरियां इस धंधे की शिकार न हों, इसका पूरा बंदोबस्त किया गया है।
लंदन के हरेक नाईट क्लब और पब्स पर पुलिस की कड़ी नजर है। ब्रिटिश पुलिस के एक अधिकारी के अनुसार, पुलिस 18 महीने से क्लीनिंग कर रही है। जो लोग पहले से इस धँधे में सक्रिय हैं, उन्हें चेतावनी दे दी गई है। पिछले कुछ समय में पुलिस ने 800 ब्रॉथल्स पर छापे मारे हैं।
एक ओर तरफ हेल्थ आर्गेनाईजेंशंस सेफ सेक्स का मूवमेंट चला रहा है तो दूसरी तरफ पुलिस ऐसे धंधे को रोकने के लिए प्रयासरत है। सेफ सेक्स के तरफदारों का कहना है कि मुद्दा मात्र सेक्स का ही नहीं है, बल्कि हमारी कोशिश लोगों को यौन रोगों से बचाने की भी है। यदि सावधानी न बरती गई तो एड्स जैसी घातक बीमारी के रोगियों की संख्या बढ़ जाने का खतरा है।
यूरोप में चकलाघर चलाने वाली महिला को ‘मेडम’ कहा जाता है। ऐसी ही एक मेडम है, मेडम बेकी एडम्स। यह मेडम 20 सालों से एस्कॉर्ट एजेंसी (युवतियों को सप्लाय करने का धंधा) चलाती है। उसने हाल ही में अपनी आत्मकथा प्रकाशित की है। बेकी एडम्स ने हाल ही में अपने ब्लाग पर ‘सेक्स ट्राफिकिंग एंड द ओलिम्पिक’ एक लेख लिखा है। वह कहती है कि हमारे धंधे को लोग गंदा मानते हैं पर हम अपना काम पूरी वऊादारी से करते हैं। हमारे धंधे में प्रतिस्पर्धा बहुत है।
लंदन की बॉबी पुलिस पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। लोगों की मदद के लिए हमेशा तैयार और तत्पर रहने वाली बॉबी पुलिस ने लोगों को इस कुत्सित प्रवृत्ति से दूर रखने के लिए प्रेम से समझाने का तय किया है। पुलिस के अनुसार, प्रेम से जब तक काम चलेगा, तब चलाएंगे, नहीं तो कानून है ही। देखना होगा कि पुलिस कितनी सफल हो पाएगी। ओलिम्पिक शुरू होने में अभी दो महीने का वक्त बाकी है पर ब्रिटेन में अभी से सेक्स रेकेट और सेक्स बिजनेस के किस्से गूंजना शुरू हो गए हैं।
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