बुधवार, 23 मई 2012

‘ये डॉक्टर नहीं, हैवान हैं...भगवान नहीं शैतान हैं’

डॉक्टरों की कार्य-प्रणाली में पिछले कुछ बरसों में गजब की तब्दीली आई है..चिकित्सकीय पेशा पूर्णत: व्यावसायिक हो गया है..इस बारे में सर्वत्र और सभी स्तरों पर चर्चा होती है..परंतु बहुत-से डॉक्टर खूनी हो गए हैं..ऐसी खबरें आए-दिन सुनने-पढ़ने को मिलती है..मेरे एक मित्र डॉक्टर हैं.. वे अक्सर मजाक में कहते हैं..‘भगवान और डॉक्टर को कभी नाराज मत करो। भगवान को नाराज करोगे तो वो डॉक्टर के पास भेज देगा..और डॉक्टर को यदि नाराज किया तो वो भगवान के पास भेज देगा।’

हमारे यहां तो भगवान के बाद डॉक्टर को ही ‘भगवान’ माना जाता है..पर इन-दिनों डॉक्टरों (सभी नहीं) में पैसे की हवस इस कदर बढ़ गई है कि उन्हें डॉक्टर या ‘भगवान’ मानने के बजाय हैवान या शैतान मानना पड़ेगा..पैसे की लालच में अनेक डॉक्टर आज भी स्त्री भ्रूण हत्या के गोरख-धंधे को अंजाम दे रहे हैं..वह भी वीभत्स तरीके से..महाराष्ट्र के बीड जिले के परली कस्बे के एक डॉक्टर दंपत्ति-डॉ.सुदाम मुंडे और सरस्वती मुंडे के पापों की कहानियां सुनने, पढ़ने के बाद तो इंसानियत पर से ही विश्वास उठ जाता है..30-40 हजार रुपयों की लालच में गर्भपात करने वाले डॉ. मुंडे सबूत नष्ट करने के लिए भ्रूण अपने पालतू कुत्तों को खिला देता था..

हिलाकर रख देने वाली यह जानकारी महाराष्ट्र के स्वास्थ मंत्री ने ही दी है..राजनीतिक दृष्टि से ताकतवर मुंडे का यह राक्षसी कृत्य पिछले अनेक बरसों से जारी था..डॉ. मुंडे को पिछले साल ही रंगे हाथों पकड़ा गया था..फिर भी राजनीतिक रूतबे के चलते डॉ. मुंडे क्रूरतापूर्वक लड़कियों के गर्भपात करता रहा..अभी तीन पहले चार लड़कियों की मां विजयमाला महादेव पट्टेकर पांचवी भी लड़की होने का पता चलने पर, डॉ. मुंडे ने उसका गर्भपात किया..इस दौरान उसकी मौत हो गई और इस घटना के कारण ही डॉ. मुंडे के पापों का पर्दाफाश हुआ..सैकड़ों बच्चियों को जन्म लेने के पूर्व ही यमराज के पास पहुंचाने वाले इस डॉ. मुंडे को आप क्या कहेंगे? डॉक्टर या दानव,‘भगवान’ या शैतान..? ऐसे राक्षस डॉक्टर को एक ही सजा होना चाहिए..वह है फांसी..तभी लोगों का सरकार पर, न्याय-व्यवस्था पर और खास तौर इंसानियत पर यकीन रहेगा..और हां स्त्री भ्रूण हत्या के दोषी डाक्टरों को संरक्षण देने वाले राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्रों के नेताओं का भी पर्दाफाश होना चाहिए।

4 टिप्‍पणियां:

  1. not only doctors every profession is on decline in India. Do you agree with me ??
    puneet

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  2. कुमार आशीष23 मई 2012 को 8:03 am बजे

    आप सही कह रहे हैं डॉ. पुनीत, लेकिन इसका अर्थ यह तो नहीं कि समाज के एक ऐसे व्यक्ति को माफ कर दिया जाए जिसने हैवानियत की सारी हदें लांघ दीं हों। इस आदमी को तो समाज से बहिष्कृत कर देना चाहिए और आपकी एसोसिएशन को भी यह कदम उठाना चाहिए। हम ऐसी किसी लाइन के साथ हैवानों का समर्थन नहीं करते।
    आपको क्या लगता है, यदि समाज में डाकुओं की संख्या बढ़ रही है तो डॉक्टरी छोड़कर डकैती शुरू कर दी जानी चाहिए।

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  3. yes you can blame one person as one, but because of this you cant blame all the doctors. you have to refine your language.
    All fingers are not the same chanda.
    Every person knows what he should do and what should not.

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  4. कुमार आशीष25 मई 2012 को 12:25 am बजे

    डॉ. पुनीत, आप शायद भूल रहे हैं। आप जिस देश में रहते हैं वहां एक डॉ. अम्बेडकर की सफलता पर पूरा दलित समाज गर्व करता है, एक लक्ष्मीबाई या इंदिरा गांधी पर पूरा नारी समाज, एक डॉक्टर के सफल होने पर पूरा डॉक्टर समाज।
    एक सिख ने इंदिरा गांधी को गोली मारी तो पूरे पंजाब को दंगों की आग में जलना पड़ा, देश भर में चुन चुन कर सिख समाज के लोगों की हत्याएं की गईं।
    कुछ चुनिंदा मुसलमानों के कारण पूरे देश के मुसलमानों का सर शर्म से झुक जाता है।
    तो जब एक डॉक्टर कमीना निकले तो यहां नकारात्मक टिप्पणियों पूरे समाज को ही मिलेंगी। बेहतर होगा जिस एसोसिएशन का गठन डॉक्टरों को बचाने के लिए किया गया है, वही ऐसे डॉक्टरों को बहिष्कृत भी करे। यदि आप यह कदम उठाते हैं तो यह माना जाएगा कि केवल एक ही व्यक्ति खराब था, पूरा समाज नहीं।

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