मशहूर अदाकारा रेखा का राज्यसभा में मनोनयन होने के साथ ही देशभर के तमाम सेल फोन पर एक मेसेज आया था। यह मेसेज था-‘जो काम अमिताभ न कर सके, वह कांग्रेस ने कर दिखाया। संसद के उच्च सदन यानि राज्यसभा में जया बच्चन और रेखा को बैठा दिया।’
मीडिया के गॉसिप में ऐसी ही बातें कही जा रहीं थीं कि ‘अमिताभ अपनी पत्नी जया से कहेंगे कि देश की सेवा करने का मौका मिला है, इसलिए तुम्हें राज्यसभा में रोजाना हाजिरी लगाना चाहिए। हम अब दिल्ली के बंगले में ही रहेंगे। मैं तुम्हें रोजाना राज्यसभा के परिसर में छोड़ने आऊंगा।’ अमिताभ बच्चन के किसी काम से बाहर जाने पर जया ‘सिलसिला’ का यह गीत भी गा सकती है,‘ये कहां आ गए हम..यूं ही साथ-साथ चलते।’
सियासी अंदरखानों में चर्चा है कि बोफोर्स कांड में अमिताभ को क्लीन चिट मिलने और स्व. राजीव गांधी की मंडली के द्वारा गलत ढंग से अमिताभ का नाम जोड़ा गया था, जिसकी रिपोर्ट आने के बाद अमिताभ और जया ने देशवासियों के सामने अपनी खुशी का इजहार किया था। अमिताभ ने अपने ब्लॉग में कहा था कि आखिर, 25 साल बाद हमारे परिवार से कलंक के बादल छंट गए। यह रिपोर्ट स्व. राजीव गांधी की चालाकी पर भी इशारा कर रही थी। मित्र के रूप में अमिताभ नहीं स्व. राजीव गांधी अपनी निष्ठा से चूके थे, यह बात भी अमिताभ ने अपने मेसेज में नामोल्लेख किए बिना कह दी।
जया बच्चन ने भी अपनी पीड़ा यूं व्यक्त की थी कि हमने पच्चीस साल जो पीड़ा भोगी, उसका क्या? अमिताभ और उनका परिवार बोफोर्स मामले में क्लीन चिट मिलने की जब खुशियां मना ही रहा था कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राज्यसभा में रेखा का मनोनयन करवाकर उन खुशियों पर पानी फेर दिया। सच कहा जाए तो सोनिया ने रेखा को राज्यसभा में लाकर एक निशाने से दो तीर चलाए हैं। एक तो 57 वर्षीय रेखा को राज्यसभा में पहुंचा दिया, दूसरे बच्चन परिवार को खास तौर पर जया बच्चन को हतप्रभ कर दिया।
चर्चा है कि रेखा के राज्यसभा में आने से जया बहुत डिस्टर्ब हो गई है। बोफोर्स की क्लीन चिट मिलने के बाद शुरू हुई इस राजनीति को स्वच्छ नहीं कहा जा सकता है। जया बच्चन मुलायमसिंह की सपा से राज्यसभा में है। कांग्रेस को भले ही आज समाजवादी पार्टी की जरूरत है पर उसने रेखा को राज्यसभा में लाकर जया की धड़कनें बढ़ा दी हैं। जया, रेखा से कितना गुरेज करती है, यह इस बात से साफ हो गया है कि रेखा को जब राज्यसभा में जया के नजदीक की सीट आवंटित की गई तो जया ने पार्लियामेंट कमेटी से कहकर अपनी सीट ही बदलवा ली। बहरहाल, जया ने भले ही अपनी सीट बदलवा ली हो पर संसद में कभी न कभी तो दोनों एक-दूसरे के आमने-सामने होंगी। शायद, संसद में ‘सिलसिला’ पार्ट 2 का प्लाट भी बन जाए।
रेखा के राज्यसभा में आने से ‘निरमा’ का वह विज्ञापन भी संसद में साकार हो गया-रेखा,जया, हेमा और सुषमा..सबकी पसंद..। (सुषमा स्वराज लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं)
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