सआदत हुसैन मंटो, उर्दू साहित्य का एक अजरामर नाम! 11 मई, यानि मंटो की
जन्मशताब्दी है। मंटो यानि बीसवीं सदी के उर्दू साहित्य का एक महान और
ख्यातनाम नाम, जिसने उस काल के बंद समाज में बिंदास होकर ऐसा साहित्य लिखा,
जो चुपके-चुपके और डरते-डरते पढ़ा गया। हकीकत में तो मंटो का व्यक्तित्व
उसकी जिंदगी के माफिक ही विभाजित था। भारत-पाकिस्तान के विभाजन की पीड़ा और
जख्म उसके मन, आत्मा और साहित्य में साफ-साफ दृष्टिगोचर होते थे, इसलिए
मंटो किसी एक जाति-धर्म का रह नहीं गया था। मंटो ताजिंदगी एक इंसान के रूप
में ही रहा और इंसानियत की खोज करते-करते ही सिधार गया।
मंटो का निधन 18 अगस्त 1955 को हुआ, लेकिन इसके कुछ माह पूर्व ही उसने अपने
मृत्यु-पत्र में ईश्वर को चुनौती दे दी थी, जो इस प्रकार थी- हे जगनियंता,
तेरे इस मृत लोक में गुलाम हसन मंटो का बेटा सआदत हसन मंटो, जो केवल दया
का पात्र है, उसे दे। भगवान, वह गंदगी व दलदल के मार्ग पर हमेशा खूशबू और
रोशनी से दूर भागता रहा। जब सब हंसते थे, वह वो रोता था और जब सब रोते थे,
तब वह हंसता था। नियति द्वारा चेहरे पर पोती गई कालिख धुलने की उम्मीद।
शैतान की सर्वत्र खोज में तुम्हें कभी याद भी नहीं किया, क्योंकि वह एक
लेखक था?
मंटो के इस सवाल का जवाब अब वक्त ने ही दिया है। 11 मई 1912 को मंटो का जन्म हुआ था और सौ साल बाद भी विश्व साहित्य मंटो को भूला नहीं है। मंटो का जन्मशताब्दी वर्ष शुरू हो चुका है, जिसके तहत मुंबई सहित अनेक स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
42 साल की अपनी छोटी-सी जिंदगी में मंटो ने करीब बीस साल लेखन किया और 22 कहानी-संग्रह, 7 नाटय़-संग्रह और 3 लेखसंग्रह की साहित्य संपदा की विरासत छोड़ी। मंटो ने पत्रकारिता भी की और आकाशवाणी में भी कार्य किया। विभाजन के पश्चात लाहौर जाने के बाद फिल्मों के लिए चित्रपट कथा भी लिखीं। मंटो की चुनिंदा कहानियों के संग्रेह का तो नाम ही था-‘मंटो की बदनाम कहानियां’ पर जैसा खुद उसने ईश्वर से कहा है कि वह वैसा सुंदर कभी न था। ‘ठंडा गोश्त’ और ‘खोल दो’ ये कहानियां आज भी हिलाकर रख देती हैं। ‘टिटवाल का कुत्ता’ और ‘टोबा टेक सिंह’ देशों की सरहदों के बजाय इंसानियत के आकाश का विस्तार चाहती हैं। मंटो के लेखन को उस काल में भले ही अच्छा न माना गया हो पर वह मन से पाक-साफ था। इतने पाक-साफ मन का ‘बदनाम’ लेखक दुनिया ने दूसरा नहीं देखा।
manto ke bare me pahli bar jankari mili
जवाब देंहटाएंmanto ke bare me pahli bar jankari mili
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