सोमवार, 11 जून 2012

महाराष्ट्र में IAS क्यों छोड़ रहे हैं नौकरियां

IAS यानी भारतीय प्रशासनिक सेवा, सरकारी नौकरी का सर्वोच्च पद माना जाता है..भारी-भरकम वेतन, लाल बत्ती की कार,रहने को आलीशान बंगला आदि सुविधाओं की बात करें तो आयएएस अफसर होना गौरव की बात है. आयएएस में चयन होना वाकई बड़ी बात मानी जाती है.

समाज कल्याण और लोक-कल्याण में रुचि रखने वालों के लिए तो इससे अच्छा पद कोई और हो नहीं सकता, ऐसे में महाराष्ट्र जैसे विकसित और शिक्षित राज्य में यदि धड़ाधड़ आयएएस अफसर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने लगे तो इसे क्या कहा जाएगा? महाराष्ट्र में अब तक 27 आयएएस अफसर वीआरएस यानी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की अर्जी लगा चुके हैं. दो दर्जन से अधिक आला अफसरों की वीआरएस अर्जी को लेकर महाराष्ट्र सरकार मुश्किल में पड़ गई है. यदि इन सब अधिकारियों को वीआरएस दे दिया गया तो महाराष्ट्र में प्रशासनिक सेवा को लकवा मार सकता है.

सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर ऐसी मलाईदार नौकरी क्यों छोड़ना चाहते हैं आयएएस अफसर? फिलवक्त, देश में भ्रष्टाचार और भ्रष्ट राजनीति के खिलाफ बयार चल रही है. देश भर में और खास तौर पर महाराष्ट्र में कई अधिकारी जेल की हवा खा रहे हैं. राजनीतिक दबाव के चलते चाहे जिस फाइल पर हस्ताक्षर करने का खामियाजा ये अधिकारी भुगत रहे हैं. मुंबई के आदर्श घोटाले की ही बात करें तो करीब एक दर्जन अफसर इस घोटाले में फंसे हैं. इनमें से कुछ के नसीब में जेल की कोठरी लिखी थी. इस कारण महाराष्ट्र के अफसर घबराए हुए हैं और वे शासन से अच्छे कामों की ग्यारंटी चाहते हैं. 27 आयएएस जहां वीआरएस चाहते हैं, वहीं 12 कलेक्टरों पर विभिन्न धाराओं में अपराध दर्ज हैं.

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