टू-जी स्पेक्ट्रम घोटाले के राजा पूर्व संचार मंत्री ए राजा जमानत पर तिहाड़ जेल से बाहर आ गए हैं..पूरे पंद्रह महीने यानि सवा साल राजा ने तिहाड़ जेल की हवा खाई है..इस घोटाले में गिरफ्तार होने के पहले से ही राजा ने जमानत की कोशिशें चालू कर दी थीं..इसलिए उनकी गिरफ्तारी भी उत्सुकता की विषय बन गई थी..वही क्यों? इस मामले के सभी आरोपी ‘बड़ी मछली’ होने से हरेक आरोपी की गिरफ्तारी और जमानत गहमागहमी का विषय बन गया था..
निचली अदालत से लेकर सर्वोच्च न्यायालय हरेक आरोपी के मामले में करीब तीन-तीन सुनवाई होती रही..किसी मुकदमे में जितनी सुनवाई आरोप तय होने के लिए होती है..उससे ज्यादा सुनवाई जमानत को लेकर हुई, क्योंकि इस मामले में मंत्री,सांसद से लेकर तमाम बड़ी कंपनियों के अधिकारी फंसे हुए थे।
इनकी गिरफ्तारी का श्री गणेश भी राजा से हुआ और जमानत का अंत भी उनके साथ ही हुआ..सबसे पहली जमानत इस मामले की एकमात्र महिला आरोपी द्रमुक की सांसद द्रमुक के सुप्रीमो करूणानिधि की लाडली कनिमोझी को मिली थी..इसके बाद एक-एक आरोपी को जमानत मिलती गई और वे तिहाड़ से बाहर होते गए..बस अकेले ही राजा ही बच गए थे..कई मर्तबा जमानत पर छूटने के बाद साक्ष्य मिटाने..गवाहों को डराने-धमकाने का काम करते हैं..इसीलिए अदालत जमानत नहीं देती है..स्पेक्ट्रम घोटाले की माफिक उसके आरोपी भी बड़ी-बड़ी मछलियां हैं।
स्पेक्ट्रम घोटाले के राजा सहित सभी आरोपी फिलहाल जमानत पर हैं.. इसके अलावा जांच कार्य भी लगभग खत्म होने को है..और राजा तिहाड़ से मुक्ति मिल गई है..इसलिए जांच-कार्य में मुकदमे में उनके हस्तक्षेप करने की ज्यादा संभावना बची नहीं है..यही दावा उनके वकील ने भी किया था और उस सीबीआई ने भी मान्य किया..फिर जमानत देते हुए अदालत ने राजा को कड़ी शर्तो में बांध दिया है..पासपोर्ट पुलिस के पास जमा कराने को कहा है..दूसरी तरफ राजा दिल्ली छोड़कर अदालत की अनुमति के बिना कहीं भी जा नहीं सकेंगे..
राजा भले ही तिहाड़ से बाहर आ गए हैं पर वे पूरे समय रहेंगे सीबीआई की नजर में ही..राजा के लिए तिहाड़ की काल कोठरी के बजाय इतना भी काफी होगा..अब वे किसी से भी मिल सकेंगे..उनके परिचितों, मित्रों, समर्थकों को अब तिहाड़ जेल के प्रशासन से अनुमति की दरकार नहीं करना होगी..बस दिल्ली में ही रहना होगा..अदालत धीरे-धीरे शर्ते शिथिल करती ही हैं पर शायद इसका अहसास उनके समर्थकों को नहीं होगा..नहीं तो जमानत पर छूटने के पहले ही दिन राजा के समर्थकों ने उनके निवास पर मौजूद मीडियाकर्मियों पर हमला नहीं किया होता..शायद वे अपने नेता की ताकत दिखाना चाहते होंगे..पर उन्हें कौन बताए कि ऐसा करने से राजा की मुसीबत और बढ़ सकती है?
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